Jaundice is a disease caused by increase of bile pigments in body fluids and tissues.it is a disease of the liver.
पीलिया शरीर के तरल पदार्थ और ऊतकों में पित्त वर्णक की वृद्धि के कारण होने वाला रोग है। यह यकृत की एक बीमारी है।
Normal bilirubin level ranges from 0.2-0.8 mg/dl. Jaundice becomes clinically evident when the total serum bilirubin exceeds 2 mg/dl.
सामान्य बिलीरुबिन स्तर 0.2-0.8 मिलीग्राम / डीएल से होता है। पीलिया चिकित्सकीय रूप से तब स्पष्ट हो जाता है जब कुल सीरम बिलीरुबिन 2 मिलीग्राम / डीएल से अधिक हो जाता है।
Signs & symptoms of jaundice:-
पीलिया के लक्षण और लक्षण :-
• Skin especially nails, palms get yellowish in color.
• त्वचा विशेषकर नाखून, हथेलियां पीले रंग की हो जाती हैं।
• Conjunctiva becomes yellow.
• कंजंक्टिवा पीला हो जाता है।
• Mental sluggishness.
• मानसिक सुस्ती।
• Clubbing of fingers./• उंगलियों का क्लबिंग।
• Tremors./• झटके।
• Loss of body hair./• शरीर के बालों का झड़ना।
• Enlargement of parotid gland./• पैरोटिड ग्रंथि का बढ़ना।
• Liver becomes enlarged./• लीवर बड़ा हो जाता है।
• Spleen & gall bladder enlargement./• प्लीहा और पित्ताशय का बढ़ना।
• Accumulation of fluid in abdomen./• पेट में तरल पदार्थ का जमा होना।
• Lymphatic enlargement.• लसीका इज़ाफ़ा।
• Urine becomes yellow./• मूत्र पीला हो जाता है।
Acupressure treatment of jaundice:-/पीलिया का एक्यूप्रेशर उपचार :-
Sp 9
St 36
GB 24, 34
UB 19, 20, 48
Du 9, 20
Liv 3, 13
Reflex points: liver, spleen, gall bladder, kidneys, small intestine, pituitary, adrenal, lymphatics.
प्रतिवर्त बिंदु: यकृत, प्लीहा, पित्ताशय, गुर्दे, छोटी आंत, पिट्यूटरी, अधिवृक्क, लसीका।
Source- Bio Vatica