मिर्गी - मिर्गी ज्यादातर युवाओं में देखी जाती है। यह एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है,इसमें मरीज को झटके-से महसूस होते हैं, वह जमीन पर गिर जाता है, दांत भिंच जाते हैं और वह कुछ देर के लिए बेहोश हो जाता है। 1 दिन के बच्चे से लेकर सौ साल के बुजुर्ग तक को मिर्गी हो सकती है।
किन स्थितियों में पड़ता है दौरा
- कम नींद लेना
- बेहद तनाव
- हॉर्मोंस में बदलाव
- ज्यादा शराब पीना
- ब्लड शुगर का गिर जाना
- ब्लड प्रेशर का कम हो जाना
- बेहद तेज रोशनी में आना
मिर्गी के लक्षण
- बात करते हुए दिमाग ब्लैंक हो जाना,
- मांसपेशियों / शरीर का अचानक फड़कना
- तेज रोशनी से आंखों में परेशानी होना,
- अचानक बेहोश हो जाना
- अचानक से मांसपेशियों पर नियंत्रण खो देना
- आंखों के आगे अंधेरा छाना
- दांत भिच जाना
- मुंह से झाग आना
- अचानक गिर जाना
- आंखों की पुतलियों ऊपर की तरफ खिंचना
- हाथ या पैर का लगातार चलना या झटके से लगना
- होंठ या जीभ काट लेना
मिर्गी के प्रमुख कारण
- सिर पर चोट लगना, दिमागी बुखार आना
- दिमाग में कीड़े की गांठ बनना, ब्रेन ट्यूमर व ब्रेन स्ट्रोक होना
- शराब या नशीली दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल करना
दौरा पड़ने पर इन बातों का रखें ध्यान
- दौरा पड़ने पर रोगी को सुरक्षित जगह पर एक करवट लेटा दें
- कपड़े ढीले करें, खुली हवा में रखें और आसपास भीड़ न लगाएं
- सिर के नीचे मुलायम कपड़ा रखें, दौरे के समय रोगी के मुंह में कुछ न डालें
मिर्गी में दोरों के लिए एक्यूप्रेशर चिकित्सा
इसमें 3 पायंट्स मुख्य होते हैं |
• 2nd Point- हमारे दोनों पैरो में ये पॉइंट होता है | मिर्गी के साथ साथ ये कमर दर्द में बहुत लाभ करता है |
• 3rd Point- यह पॉइंट नाक के नीचे और ऊपर के होंठ के बीच होता है |
अन्य घरेलू उपचार
- तुलसी के पत्तों को पीसकर शरीर पर मलने से मिर्गी के रोगी को लाभ होता है।
- तुलसी की पत्तियों के साथ कपूर सुंघाने से मिर्गी के रोगी को होश आ जाता है।
- रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से रोग की गंभीरता में गिरावट देखी जाती है।
- मिर्गी की बीमारी में एक नीबू पर थोड़ा-सा हींग का पाउडर छिड़ककर इसे चूसें। नीबू में हींग पाउडर या गोरखमुंडी मिलाकर रोजाना चूसने से कुछ ही दिनों में मिर्गी के दौरे आने बंद हो जाएंगे।
- · अंगूर का रस प्रात:काल खाली पेट लेने से लाभ होता है।
- · सेब का जूस पीने से भी लाभ होता है।
- · एप्सम साल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) मिश्रित पानी से रोगी को स्नान करना चाहिए।
- · गीली मिट्टी को रोगी के पूरे शरीर पर लगाना अत्यंत लाभकारी उपचार है।
- · मिर्गी रोगी को 250 ग्राम बकरी के दूध में 50 ग्राम मेहंदी के पत्तों का रस मिलाकर दो सप्ताह तक सुबह के समय पीने से लाभ होता हैं। गाय के दूध से बनाया हुआ मक्खन मिर्गी में फायदा पहुंचाता है।
- राई पीसकर चूर्ण बना लें। जब रोगी को दौरा पड़े, तो सुंघा दें, बेहोशी दूर हो जाती है।
- पर्याप्त नींद, कच्ची सब्जियों से परहेज