थायराइड के उपचार के लिए एक्यूप्रेशर
थायराइड हार्मोन चयापचय की दर को सही बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसके ठीक से काम न करने से वजन का बढ़ना, थकान, हाथों और पैरों में ठंडापन, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, चिंता, कब्ज, डिप्रेशन, बालों को झाड़ना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। साथ ही कोमलता या दर्द थायराइड की समस्या को इंगित करता है। लेकिन घबराइए नहीं क्योंकि एक्यूप्रेशर थेरेपी से इसका इलाज किया जा सकता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों खासकर हथेलियों और पैरों के तलवों के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर दबाव डालकर विभिन्न रोगों का इलाज करने की विधि को एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्दति कहा जाता है। बिना दवा के इलाज करने वाली यह सरल, हानिरहित, खर्चरहित व अत्यंत प्रभावशाली व उपयोगी थेरेपी है। एक्यूप्रेशर का एक बड़ा लाभ यह है कि बीमारी का पता और इलाज दोनों एक ही तरह से किया जाता है।
थायराइड के उपचार के लिए एक्यूप्रेशर बिंदु
थायराइड की समस्याओं को कम करने के लिए इस्तेमाल होने वाले एक्यूप्रेशर बिंदु आपकी आंखों के बीच में स्थिति होते है, जो पिट्यूटरी फंग्शन को उत्तेजित करते हैं।
एक्युप्रेशर थेरेपी के अनुसार थायरायड व पैराथायरायड के प्रतिबिम्ब बिंदु हाथों एवं पैरों दोनों के अंगूठे के बिलकुल नीचे ऊंचे उठे हुए भाग में स्थित होता हैं। थायरायड के अल्पस्राव की अवस्था में इन केन्द्रों पर घडी की सुई की दिशा में अर्थात बाएं से दायें प्रेशर दें तथा अतिस्राव की स्थिति में प्रेशर दायें से बाएं (घडी की सुई की उलटी दिशा में) देना चाहिए। इसके साथ ही पिट्यूटरी ग्लैंड के भी प्रतिबिम्ब बिंदु पर भी प्रेशर देना चाहिए।
प्रत्येक बिंदु पर एक से तीन मिनट तक प्रतिदिन दो बार प्रेशर देना चाहिए। पिट्यूटरी ग्लैंड के केंद्र पर पम्पिंग मैथेड (पम्प की तरह दो-तीन सेकेण्ड के लिए दबाएं फिर एक दो सेकेण्ड के लिए ढीला छोड़ दें) से प्रेशर देना चाहिए।
अपने खुद के दबाव बिंदुओं को उत्तेजित करना सीखकर आप छोटे-मोटे लक्षणों से राहत पा सकते हैं और नॉनप्रेस्क्रिप्शन दवाओं की आवश्यकता को कम कर सकते हैं। अधिकांश दवाओं के बिना आमतौर पर इससे तत्काल राहत मिलती है।
Source- Only My Health